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The South Asian Studies Institute at the University of the Fraser Valley is delighted to undertake the transfer and refurbishment of this invaluable resource from the able and well established hands of Simon Fraser University. We are deeply indebted to the numerous people and organizations at the outset who worked diligently to create this archive of great importance to all Canadians. The new version of the site has stayed true to the spirit of the old site while bringing a vibrancy and buoyancy to users. We hope you will interact with the site with new vigour and stamina to keep the story of the Komagata Maru alive in our schools, in our communities and in our homes.

"नदी का निरंतर बहाव मलूका को मोह गया। पानी का सहज, शांत प्रवाह उसे घर जैसा लगा, क्योंकि फ्रेज़र नदी पंजाब में बहनेवाली सतलुज सी ही तो थी। पराये देश में पराये लोगों के बजाय, नदी के साथ इक करीबी रिश्ता बनाना ज़्यादा आसान था।"

नदियाँ, पानी, यात्रायें और एक घर-सरीखा अहसास - इन सब ने प्रवासियों को एक सूत्र में बाँध दिया और कनाडा की कहानी सुनाने को कहा। इस कहानी को लिखनेवाले आगे चलकर बदल सकते हैं, ताकि पहले नहीं शामिल किये गए नज़रिए भी शामिल किये जा सकें। लेकिन निरंतर चलता ये सफर दर्शाता है की हम कनाडा को किस नज़र से देखते-परखते हैं और इक कनाडावासी होने की हमारी क्या परिभाषा है। आज फिर कामागाटा मारू की कहानी सुनाने का एक फायदा यह है कि कनेडियन इतिहास के सबसे प्रतीकात्मक क्षणों में से एक को समझने के लिए, हम पूर्व पीढ़ियों द्वारा किये गए काम को आधार बनाकर, उसे और आगे बढ़ा सकते हैं। कामागाटा मारू की कहानी १९१४ के दायरे तक सीमित नहीं है बल्कि इसकी कड़ियाँ भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन और कनाडा में साउथ एशियन लोगों को मिले मतदान के हक के साथ भी जुड़ती हैं। यह कहानी बताती है की किस तरह हम समाज निर्माण करते हैं, सरकारी बहुसंस्कृतिवाद को हम कैसे समझते हैं, अपने अतीत को याद हम कैसे रखते हैं और कैसे हम एक दूसरे से रिश्ते जोड़ते हैं।

यहाँ आपको मिलेंगे पहली बार एकत्रित किये गए दुर्लभ सरकारी दस्तावेज़, अखबारों में छपे लेख, अकादमिक किताबें, विडिओ...और यहाँ तक की डायरी भी। वेबसाइट की अनोखी विशेषताओं में से एक यह है कि इस कहानी के पारंपरिक दृष्टिकोणों में विविध कनेडियन-भारतीय स्वर जोड़े गए हैं। यह इतिहास पर एक सूक्ष्म और बहुपर्ती दृष्टि डालने में सहायता करती है, और साथ ही पिछले 100 वर्ष के दौरान -कैनेडियनों द्वारा जीये गए यथार्थ- और वो जो कैनेडियन बनने को प्रयत्नशील हैं-के बारे में भी बतलाती है।

आप वेबसाइट से जानकारी कई तरह प्राप्त कर सकते हैं। स्क्रीन के ऊपर लिखे शीर्षकों के नीचे विषय-वस्तुओं को थीम के आधार पर इकठ्ठा किया गया है। इन थीम-आधारित विषयों को अलग-अलग संचार माध्यमों और किताबों के साथ रचा गया है। अगर आप किसी खास स्त्रोत को खोजना चाहते हैं, तो हमारे कई क्यूरेटड दस्तावेजों, तस्वीरों और विडिओस में से खोजने के लिए, बायें कॉलम का इस्तेमाल करें। और जानकारी हासिल करने का एक और तरीका है साईट की इंटरएक्टिव टाइमलाइन। यहाँ कामागाटा मारू कहानी के प्रमुख क्षण, पांच मुख्य क्षेत्रों के अनुसार, दृष्टिगत रूप से और कालानुक्रम से संगठित किये गए हैं। इसके साथ, साउथ एशियन कनेडियन इतिहास के बारे में और जानने के लिए और कामागाटा मारू के प्राथमिक दस्तावेजों को पढ़ने के लिए, टाइमलाइन को दायें और बायें करके देखें और प्रमुख क्षणों पर क्लिक करें। हमारी कलेक्शन से खोजने के लिए आप हमारे 'सर्च बॉक्स' में संकेतशब्द, नाम या खास थीम भी टाइप कर सकते हैं। हमारी इच्छा कामागाटा मारू पर एक व्यापक पोर्टल तैयार करने की है ताकि हम सरकारी दस्तावेज़ों, मुख कहे इतिहास, निजी आरखाईव्स, कलात्मक प्रयत्नों, की गयी बातचीत, अलग अलग नज़रियों के ज़रिये, अतीत के साथ वर्त्तमान का सेतु बना सकें। सवाल है कि आज भी कामागाटा मारू हम पर कैसा असर छोड़ जाता है?

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