डायरियाँ

भाई अर्जन सिंह चंद प्रथम बसने वाली साउथ एशियन कनेडियन बिरादरी के सक्रिय सदस्य थे। वेंकूवर के पहले सिख गुरुद्वारे की खालसा दीवान संस्था में उन्होंने कई भूमिकाएं निभाईं। वे बिरादरी के धार्मिक, राजनितिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन में शामिल थे। और उनकी डायरी इस विविधता को दर्शाती है। १९०६ में शुरू की गयी इस डायरी में शामिल है गुरुद्वारा कमेटी के रोज़ाना जीवन का विवरण, वेंकूवर जीवन के बारे में किस्से, दानशील कार्यों के लिए एकत्रित की गयी राशि का लेखा-जोखा, एतिहासिक सेकेण्ड एवेन्यू गुरद्वारे की तसवीरें और कामागाटा मारू शोर कमेटी के पहले अनुभव। सधे हाथ से लिखी इस डायरी में एक गुरद्वारा प्रबंधक की आधिकारिक ज़िन्दगी और एक कुशल इतिहासकार की रोज़ाना की ज़िन्दगी, दोनों का सम्मिलन मिलता है। इस वजह से यह दस्तावेज़ बेहद अनमोल (और दुर्लभ) बन जाता है।

यहाँ हमने डायरी के कई किस्सों, कहानियों, घटनाओं और एतिहासिक क्षणों का अंग्रेज़ी अनुवाद भी पेश किया है। नीचे हर एक विषय के थम्बनेल पर क्लिक करके उसे बड़ा करके देखें। बड़े रूप ने नीचे, "तफसील देखें" लिंक है। यहाँ आपको उस विषय का बेहतर दिखने वाला रूप मिलेगा। विस्तृत ग्रन्थ-सूची संबंधी जानकारी देखें और डायरी के कई पन्नों को पलट कर देखें। डायरी के ख़ास पन्नों के लिए, अपना माउस पन्नों के विशेष हिस्सों पर रखें और जानें कि अन्य दस्तावेज़ों और घटनाओं से यह कैसे सम्बंधित है।

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